मुकदमा कराएंगे दर्ज – पीड़ित
नोएडा I
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में लिफ्ट अटकने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. ऐसा ही एक मामला पंचशील हाईनीस सोसाइटी में देखने को मिला, जब अचानक से एक लिफ्ट अटक गई. इस लिफ्ट के अंदर मां-बेटी फंस गए और करीब 1 घंटे तक वह लोग इसी लिफ्ट के अंदर फंसे रहे. मेंटेनेंस विभाग के लोग लिफ्ट खोलने की कोशिश करते रहे लेकिन वह लिफ्ट को खोल नहीं पाए. बाद में एक इंजीनियर को बुलाया गया और उसने लिफ्ट को खोला.
ग्रेटर नोएडा वेस्ट की पंचशील हाईनिश सोसाइटी के 12वें फ्लोर पर रहने वाले मनीराम गुप्ता ने बताया कि गुरुवार रात में उनकी पत्नी सीमा और बेटी अपने फ्लैट से लिफ्ट द्वारा ग्राउंड फ्लोर पर जा रहे थे. जैसे ही वह लोग ग्राउंड फ्लोर पर पहुंचे अचानक से लिफ्ट में झटका लगा और लिफ्ट अटक गई और लिफ्ट का दरवाजा नहीं खुला. इसके बाद लिफ्ट के अंदर बंद मेरी पत्नी और बेटी काफी घबरा गए. उन्होंने इमरजेंसी बटन को भी दबाया और शोर मचाना शुरू कर दिया. इसके बाद वहां पर मौजूद मेंटेनेंस विभाग के लोग पहुंचे लेकिन वह लोग भी लिफ्ट को नहीं खोल पाए.
मनीराम गुप्ता ने बताया, ‘लिफ्ट बंद होने की वजह से उसमें काफी सफोकेशन बन गई, जिससे कि मेरी पत्नी और बेटी को परेशानी होने लगी. वहां पर मौजूद लोगों के द्वारा लिफ्ट को लगातार खोलने की कोशिश की जा रही थी लेकिन किसी पर भी वह लिफ्ट नहीं खुली. लिफ्ट में बंद होने की वजह से मां बेटी काफी घबरा गई. जब 1 घंटे तक भी लिफ्ट नहीं खुली तो बराबर वाली सोसायटी से एक इंजीनियर को बुलाया गया और उसके द्वारा फिर लिफ्ट को खोला गया.’
मनीराम गुप्ता ने बताया कि सोसायटी में मोटा मेंटेनेंस मेंटेनेंस चार्ज वसूला जाता है लेकिन यहां पर लोगों की जान भी सुरक्षित नहीं है. उनकी बेटी और पत्नी एक घंटे तक लिफ्ट के अंदर फंसे रहे और उनकी तबीयत तक खराब हो गई लेकिन यहां पर मौजूद स्टाफ के द्वारा लिफ्ट को नहीं खोला गया. उन्होंने कहा कि सोसाइटी में कोई भी लिफ्ट मैन मौजूद नहीं है. फिलहाल इस मामले में वह मुकदमा दर्ज करवाने की बात कह रहे हैं. उनका कहना है कि वह बिसरख थाने जाएंगे और इस मामले में बिल्डर और मेंटेनेंस विभाग के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएंगे.
गौरतलब है कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट में आए दिन हाईराइज सोसाइटी में लिफ्ट अटकने के मामले सामने आते हैं. विधानसभा में जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह के द्वारा लिफ्ट एक्ट का मुद्दा भी उठाया गया और उसके बाद लिफ्ट एक्ट को पास भी कर दिया गया है लेकिन अभी तक लागू नही हो पाया है.