नई दिल्ली । इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) ने पिछले साल ग्रीन हाइड्रोजन संचालित बस तैयार करके स्वच्छ ऊर्जा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया था। यह अभूतपूर्व पहल पर्यावरण के अनुकूल परिवहन विकल्पों को बढ़ावा देते हुए जीवाश्म ईंधन पर देश की निर्भरता को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अब सेना प्रमुख मनोज पांडे ने हाइड्रोजन संचालित ईंधन सेल बस को ट्रायल के लिए लिया है।
उनका कहना है कि सार्वजनिक परिवहन के लिए ईंधन सेल प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए बस का ट्रायल करना जरूरी है। सेना प्रमुख मनोज पांडे ने कहा, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन और भारतीय सेना के बीच साझेदारी लगभग छह से सात दशक पुरानी है। मुझे लगता है कि यह रिश्ता हम दोनों के बीच विश्वास के अटूट बंधन पर आधारित है और एक बहुत ही ठोस नींव पर भी आधारित है।
मुझे खुशी है कि अब हम इसे अगले स्तर पर ले जा रहे हैं, जिसमें सरकार के 2023 के नए ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के आधार पर, आईओसी ने टाटा मोटर्स की मदद से ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए तकनीक विकसित की है। अब हम पहली 15 बसों में से एक का ट्रायल करने जा रहे हैं। पिछले साल केंद्रीय पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने देश में हरित हाइड्रोजन उत्पादन और इस्तेमाल को बढ़ावा देने की मंत्रालय की पहल के तहत दिल्ली में पहली ग्रीन हाइड्रोजन ईंधन सेल बस लॉन्च की थी।
उन्होंने कहा था कि हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है जो भारत को अपने डीकार्बोनाइजेशन लक्ष्यों को हासिल करने और स्वच्छ ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद कर सकता है।