कांकेर । कलेक्टर अभिजीत सिंह ने रविवार को अशासकीय स्कूलों के संचालक, प्राचार्य एवं प्रधान अध्यापकों की बैठक लेकर निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत प्रवेश प्रक्रिया एवं ड्रॉपआउट (शाला त्यागी) विद्यार्थियों की स्थिति की जानकारी लेते हुए विस्तृत समीक्षा की। बैठक में कलेक्टर ने बच्चों के ड्रॉपआउट के कारणों को जानने के लिए टीम बनाकर सर्वे कराने और उनका यथासंभव समाधान कर पुनः स्कूलों में प्रवेश दिलाने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने अध्ययनरत् बच्चों का नियमित रूप से मॉनिटरिंग करते हुए सत्यापन कराने को भी कहा। उन्होंने अशासकीय स्कूल संचालकों से कहा कि देश में गुरू-शिष्य की परंपरा का पालन करते हुए शिक्षा का अधिकार (आर.टी.ई.) अधिनियम के तहत प्रवेशित बच्चों को दूसरे बच्चों की तरह बेहतर शैक्षणिक माहौल प्रदान करें। उनके साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव न करें।
जिला पंचायत के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में उन्होंने कहा कि जिले में ड्राप आउट बच्चों की संख्या बहुत ज्यादा है। ऐसे में ड्रापआउट के कारणों को जानने एवं उसके समाधान के लिए कारगर योजना बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येक बच्चे का कक्षावार सर्वे कराएं और उनके शैक्षणिक माहौल, पारिवारिक स्थिति सहित सभी पहलुओं पर जानकारी प्राप्त करते हुए ड्रापआउट के वास्तविक कारणों का पता लगाएं। उन्होंने स्कूल संचालकों से कहा कि आर.टी.ई. के तहत अध्ययनरत बच्चों के प्रति सकारात्मक रवैया अपनाएं। एडमिशन के बाद उन्हें पुस्तक समय पर मिल जाए। कक्षा में पढ़ाई के दौरान में अध्यापकों द्वारा उनके साथ अन्य विद्यार्थियों के भांति समान व्यवहार करें। स्कूल प्रबंधन के किसी भी प्रकार के व्यवहार से ड्रॉप आउट की स्थिति नहीं आनी चाहिए। इस पर कलेक्टर ने आर.टी.ई. के तहत स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों की उपस्थिति की हर तीन महीने में सत्यापन कराने के भी निर्देश दिए। जिला शिक्षा अधिकारी अशोक पटेल ने कहा कि आर.टी.ई. के तहत द्वितीय चरण में शेष सीट हेतु 15 जून से प्रवेश प्रारंभ हो रहा है। सभी स्कूल शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए प्रवेश प्रक्रिया निर्धारित समयावधि में पूरी कर लें, प्रवेश प्रक्रिया की मॉनिटरिंग की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष पुस्तक जिला मुख्यालय से वितरित की जाएगी।