रायपुर । छत्तीसगढ़ और ओडिशा के यातायात संघों में दोनों राज्यों में बसें चलाने को लेकर विवाद गहराने लगा है। यातायात महासंघ ने छत्तीसगढ़ के एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर डी रविशंकर से शिकायत की है कि हम ओडिशा वालों की बसें छत्तीसगढ़ में चलने दे रहे हैं, लेकिन ओडिशा वाले हमारी बसों को वहां रोककर लौटा रहे हैं। यातायात महासंघ के अध्यक्ष अनवर अली ने चेतावनी दी है कि अगर ओडिशा की यूनियनों ने छत्तीसगढ़ से जाने वाली बसों को इसी तरह रोका, तो जल्दी ही यहां भी ओडिशा से आने वाली बसें बार्डर पर रोककर लौटा दी जाएंगी। इससे छत्तीसगढ़ और ओडिशा में बस संपर्क खत्म हो जाने का खतरा पैदा हो गया है। इस बारे में डी. रविशंकर ने बताया कि यातायात महासंघ की शिकायत पर ट्रांसपोर्ट कमिश्नर एस प्रकाश संज्ञान ले रहे हैं। ओडिशा ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को वे इस समस्या से अवगत करवाएंगे, ताकि इस समस्या का हल निकाला जा सके।
सूत्रों के अनुसार छत्तीसगढ़ और ओडिशा राज्यों के बीच कुछ मार्गों पर परमिट के साथ दोनों ओर से बसें चलाने का अनुबंध है। इसी के तहत यहां और ओडिशा के बस आपरेटरों को उन मार्गों पर बसों के लिए परमिट जारी किया गया है और बसें चल रही हैं। लेकिन पिछले कुछ दिन से दोनों ओर से बस आपरेटरों में विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल यहां के आपरेटरों की जो भी बसें जा रही हैं, ओडिशा ट्रांसपोर्ट यूनियन उन्हें रास्ते में रोककर लौटा रहा है। ऐसी कुछ घटनाओं से छत्तीसगढ़ के बस आपरेटर भी आक्रोशित हैं। बुधवार को यातायात महासंघ की बैठक में यह मुद्दा उठा था। बस मालिकों ने तय कर लिया है कि अगर उनकी बसें ओडिशा में नहीं चलने दी गईं, तो वे भी छत्तीसगढ़ में ओडिशा से आने वाली बसों को घुसने नहीं देंगे।
इस बारे में यातायात महासंघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष अनवर अली के अलावा संरक्षक प्रमोद दुबे, विधि सलाहकार शिवेश सिंह के साथ कई प्रमुख बस आपरेटरों ने बुधवार को ही एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर डी रविशंकर से मुलाकात की। रविशंकर ने यातायात महासंघ को आश्वस्त किया है कि ट्रांसपोर्ट कमिश्नर एस प्रकाश स्वयं इस मुद्दे को संज्ञान में लेंगे और ओडिशा के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर से बातचीत कर रास्ता निकालेंगे। इसके बाद वे ट्रांसपोर्टर कमिश्नर एस प्रकाश के भी मिलने पहुंचे। वे मीटिंग में थे, इसलिए उन्हीं के कहने पर विभाग के प्रमुख अधिकारी को ज्ञापन दिया। हालांकि सूत्रों का कहना है कि छत्तीसगढ़ का ट्रांसपोर्ट विभाग भी ओडिशा की यूनियनों को लेकर आ रही इन शिकायतों से नाराज है, और इसे गंभीरता से लिया जा रहा है।