इंदौर । जिला स्तर पर एक गौशाला को आदर्श बनाया जाएगा। इस संबंध में संभागायुक्त दीपक सिंह ने पशुपालन विभाग के अफसरों को निर्देश दिए। उन्होंने संभाग के सभी जिलों में पशुपालन विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि पशुओं के कृत्रिम गर्भाधान में प्रजनन दर कुछ जिलों में कम पाए जाने पर इसमें सुधार के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक उप संचालक अपने अधीनस्थ अमले से तथ्य प्राप्त करें और प्रजनन दर को राज्य के औसत के बराबर लेकर आए। बैठक में बताया गया कि इंदौर संभाग के विभिन्न जिलों में पशु चिकित्सा की 69 चलित इकाई कार्य कर रही हैं। गत वित्तीय वर्ष में 42 हजार पशुओं को इसका लाभ दिया गया है। पशुपालन टोल फ्री नंबर 1962 पर फोन कॉल कर इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। संभागायुक्त ने पशुपालकों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड बनाए जाने के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसका लाभ अधिक से अधिक पशुपालकों को मिले।
अन्य प्रकरणों की भी हुई समीक्षा
गौरतलब है कि गत वित्त वर्ष में 24 हजार 652 पशु पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर दिए गए हैं। बैठक में नेशनल लाइव स्टॉक मिशन के तहत बकरी पालन, कुक्कुट पालन के प्रकरणों की भी समीक्षा की गई। संभागायुक्त दीपक सिंह ने कहा कि सुंदरेल में दीपक पाटीदार की और बड़वानी जिले में जामली की गौशालाओं में हुए कार्यों को विभाग रोल मॉडल बनाए। संभागायुक्त ने शासकीय अनुदान प्राप्त गौशालाओं के लिए भी विभाग की योजना के तहत चारा उत्पादन के लिए जमीन चिन्हित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना के तहत निर्मित गौशालाओं के संचालन का जिम्मा स्व सहायता समूहों को दिया जा रहा है। ऐसे में पशुपालन विभाग स्व सहायता समूह को अच्छी तरह से प्रशिक्षित करें और गौशाला को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने में मददगार बनें।
बकरी पालन योजना को दिया जाए विस्तार
संभागायुक्त ने कहा कि झाबुआ व अलीराजपुर जैसे अन्य जिलों में बकरी पालन छोटे एवं सीमांत परिवारों के लिए एक बड़ा सहारा है। बकरी को गरीब की गाय भी कहा जाता है। ऐसे में दूरदराज के गांवों में बकरी पालन की योजना को विस्तार दिया जाए। एक आम आदमी की आर्थिक स्थिति सुधारने में इस योजना को माध्यम बनाए। बैठक में बताया गया कि खंडवा में दुग्ध उत्पादन पिछले कुछ वर्षों में बढ़ा है और यहां अच्छी गुणवत्ता का दूध प्राप्त हो रहा है।