सूरजपुर । राम नवमी और अक्षय तृतीया को बिना मुहुर्त के विवाह करने की परंपरा को देखते हुए जिला कलेक्टर रोहित व्यास ने महिला एवं बाल विकास विभाग सहित सभी मैदानी प्रशासनिक तन्त्र को बाल विवाह नही होने देने के लिए सख्त निर्देश दिये हैं। कलेक्टर की ओर से बनाये गये टीम को अक्षय तृतीया के दिन होने वाले विवाहो की जांच करने के लिए विशेष उड़न दस्ता टीम का गठन विकासखण्ड वार किया गया है।
उड़न दस्ता टीम को सुचना प्राप्त हुई की ग्राम सुदामानगर तहसील भटगांव में चोरी छुपे ढ़ग से बाल विवाह कराया जा रहा है। जहां पर टीम द्वारा परिजनो को समझाइस देने पर वे विवाह नही करने पर राजी हो गये और आगे के कार्यक्रम को वही रोक दिया गया। टीम द्वारा बताया कि बाल विवाह प्रतिशोध अधिनियम 2006 के अनुसार यदि कोई बाल विवाह करता है, अनुमति देता है, सहयोग करता है, या सम्मलित होता है तो सभी के उपर अपराध पंजीबद्ध होगा और सभी के उपर अधिनियम के अनुसार कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने जिले वासियो से, समाज प्रमुखो से अपील किया है कि जिले को बाल विवाह मुक्त जिला बनाने में प्रशासन का सहयोग करें।