सीतापुर । सीतापुर के पाल्हापुर हत्याकांड में अनुराग के भाई अजीत से क्राइम ब्रांच व पुलिस की टीम ने कई बार अलग-अलग पूछताछ की। सूत्रों की मानें तो अजीत ने पुलिस को गोलमोल जवाब दिए। आखिर में वह टूट गया। दरअसल, जब से घटना हुई है तब से अजीत सवालों के घेरे में है। उसका कमरे में बंद होना, फिर घर में मौजूद छह लोगों की मौत के बाद बाहर आ जाना किसी फिल्म की पटकथा जैसा लगता है। क्राइम ब्रांच ने अजीत से पूछा कि घटना के समय तुम जाग रहे थे या फिर सो रहे थे। अजीत ने बताया कि वह सो रहा था। इसके बाद टीम ने पूछा कि क्या तुमने गोली चलने की आवाज सुनी तो उसने कहा कि मां ने गोली चलने की आवाज सुनी तो उससे कहा कि अनुराग सबको मार रहा है, यह बताकर बाहर से कुंडी बंद कर दी। पड़ोसी ने बताया कि जब वह पहुंचा तो बच्चे जमीन पर पड़े थे। उन्हें अस्पताल पहुंचाने के लिए गाड़ी की चाभी मांगी तो चाभी नहीं दी। पुलिस ने इस बिंदु पर भी पूछताछ की। इस पर वह चुप रहा। जब पुलिस टीम ने उससे प्रापर्टी संबंधी सवाल किए तो वह पुलिस को घुमाता रहा।
पड़ोसियों के बयान बने अहम कड़ी
पुलिस ने रविवार को गांव पहुंचते ही ग्रामीण और पड़ोसियों से पूछताछ शुरू कर दी। इसमें सामने आया कि अजीत घटना के समय घर के बाहर था। लेकिन उसने शनिवार को पुलिस को बताया था कि मां ने उसे कमरे में बंद कर दिया था। इसी के बाद पुलिस ने उसपर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था। पल्हापुर हत्याकांड में जहां एक तरफ पुलिस ने घटना में अनुराग को मानसिक विक्षिप्त बताते हुए हत्यारोपी बना दिया। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पूरी वारदात को बर्बरतापूर्ण हत्या की दिशा में मोड़ दिया है। जिस अनुराग को पुलिस ने मानसिक विक्षिप्त बताते हुए घटना का मुख्य आरोपी माना था। उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पुलिस की थ्योरी को फेल कर दिया है। वहीं दूसरी गोली बाएं तरफ से मारी गई जो कि दिमाग में जाकर फंस गई। सूत्रों की मानें तो अनुराग के दिमाग में फंसी गोली 315 बोर की है। जो अवैध असलहे से चलाई गई है। अनुराग के पोस्टमार्टम के दौरान हुए एक्सरे में गोली पाई गई। इस रिपोर्ट ने यह इशारा कर दिया है कि अनुराग की हत्या हुई है। इसके साथ ही उसकी मां सावित्री के सिर में पांच से छह चोटें आईं है। जो कि हथौड़े की होना बताई गई हैं।
प्रियंका के भाई ने पहले ही दिन उठाए थे सवाल अनुराग कुमार सिंह के ससुरालीजनों ने घटना को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे। मृतका प्रियंका सिंह के भाई लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार निवासी अंकित सिंह का आरोप था कि मेरे बहनोई अनुराग के बड़े भाई अजीत ने ही पूरे परिवार की हत्या की है। अंकित के अनुसार, घटना को कोई अकेला व्यक्ति अंजाम नहीं दे सकता। हालांकि तब एसपी ने उसकी बात को नकार दिया था। लेकिन रविवार को अंकित की बात सही साबित हुई। अंकित ने कहा था कि पुलिस बहनोई अनुराग को मानसिक रोगी बता रही है। यह सरासर गलत है। यह सीधा प्रॉपटी का विवाद है। आरोप लगाया था कि बहनोई अनुराग शरीफ व्यक्ति थे। परिवार संपन्न था। उनके पास अवैध असलाह मिलना संदिग्ध प्रतीत होता है। ऐसा व्यक्ति अवैध असलाह, हथौड़ी रखेगा और ऐसी वारदात को अंजाम देगा। यह गले नहीं उतर रही है। घटना की संवेदनशीलता के दृष्टिगत आईजी रेंज लखनऊ तरुण गाबा को सीतापुर भेजा गया। पीएम रिपोर्ट सामने आने के बाद साफ हो गया है कि यह सुसाइड नहीं है। घटना के हर पहलू को गंभीरता से खंगाला जा रहा है।