नशीली दवाओं के क्रय-विक्रय की सख्त मॉनिटरिंग जरूरी

राष्ट्रीय

जयपुर । गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद कुमार ने कहा कि नशा मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए युवा पीढ़ी को इसके दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया जाना सबसे ज्यादा जरूरी है। उन्होंने निर्देश दिये कि नशीले पदार्थों और नशीली दवाओं के क्रय-विक्रय की सख्त मॉनिटरिंग के साथ-साथ शिक्षण संस्थानों के समीप स्थित पान और चाय की दुकानों का औचक निरीक्षण भी नियमित रूप से किया जाए।

कुमार शुक्रवार को शासन सचिवालय में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF), राजस्थान की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को ड्रग्स के परिवहन मार्ग और H श्रेणी में आने वाली दवाइयों की अवैध बिक्री पर कड़ी निगरानी रखने तथा इनके स्टॉक एवं खपत की प्रभावी ट्रैकिंग के लिए उचित मॉनिटरिंग सिस्टम विकसित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि राज्य को नशा मुक्त बनाने के लिए सभी सम्बंधित विभागों को परस्पर समन्वय से कार्य कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। 

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि छात्रों को नशीले पदार्थों के सेवन के दुष्प्रभाव के प्रति जागरूक करने के लिए शिक्षण संस्थानों में समय- समय पर नशा मुक्ति की प्रतिज्ञा दिलवाई जाए। उन्होंने अधिकारियों को प्रदेश में डोडा-पोस्त चूरी नष्टीकरण का संयुक्त अभियान चलाने के लिए भी निर्देशित किया। साथ ही प्रदेश में बार की तरह ही कैफे, होटल्स एवं रेस्टोरेंट आदि के परिसर में भी ड्रग्स के विरुद्ध चेतावनी लगाने के लिए कहा। बैठक में अधिकारियों द्वारा प्रदेश में अफीम और गांजे की खेती पर नियंत्रण के लिए प्रभावी मुखबिर तंत्र स्थापित करने के सम्बन्ध में भी विचार विमर्श किया गया।

श्री कुमार ने अधिकारियों से पूर्व में आयोजित नार्को कॉर्डिनेशन सेंटर (NCORD) की राज्य स्तरीय कमेटी की बैठक में मुख्य सचिव द्वारा दिए गए निर्देशों की पालना के सम्बन्ध में भी जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक श्री घनेन्द्रभान चतुर्वेदी ने बताया कि नार्को कॉर्डिनेशन सेंटर तंत्र (NCORD) की बैठक में दिए गए निर्देश की पालना में जयपुर में जल्द ही आदर्श नशा मुक्ति केंद्र स्थापित किया जाएगा। साथ ही राज्य के युवाओं में नशा मुक्ति की राह को प्रशस्त करने के लिए BUDDY कार्यक्रम को और भी सशक्त तरीके से लागू किया जाएगा।