गरियाबंद । लोकसभा निर्वाचन अंतर्गत महासमुंद लोकसभा क्षेत्र में शामिल गरियाबंद में भी 26 अप्रैल को मतदान होगा। निर्वाचन कार्यों के निर्वहन के लिए विभिन्न दलों का गठन किया गया है। साथ ही उन्हें विशेष दायित्व भी सौंपे गए है। इसी के तहत निगरानी के लिए उड़नदस्ता दल भी बनाए गए है। उड़नदस्ता दल में शामिल अधिकारी को निर्वाचन कार्यों में लापरवाही बरतने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने उड़नदस्ता दल में शामिल उप अभियंता ग्रामीण यांत्रिकी सेवा राधाकृष्ण शर्मा को निर्वाचन दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरतने के कारण कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
उड़नदस्ता दल में शामिल शर्मा की ड्यूटी विधानसभा 55 – बिन्द्रानवागढ के एफएसटी टीम खुटगांव में उड़नदस्ता दल -2सी के दल प्रभारी के रूप में लगायी गई है I 19 अप्रैल को दोपहर 03:35 बजे जिला कंट्रोल रूम गरियाबंद में सी विजिल के माध्यम से प्राप्त शिकायत की जाँच हेतु उन्हे आदेशित किया गया था, परन्तु उनके द्वारा उक्त शिकायत के संबंध में तत्काल आवश्यक कार्यवाही नहीं की गई। दोपहर 3:35 मिनट पर प्रेषित शिकायत को शाम 4:40 बजे
जाँच हेतु उनके द्वारा स्वीकार किया गया, किन्तु शाम 06:30 बजे तक उनके द्वारा उक्त शिकायत की जाँच नहीं की गई, जिसकी पुष्टि स्थानीय अनुविभागीय अधिकारी देवभोग के माध्यम से की गई।
उक्त शिकायत के संबंध में जिला कंट्रोल रूम के अधिकृत कर्मचारियों के द्वारा उनको टेलीफोनिक सचेत करने पर उनसे गैर जिम्मेदाराना ढंग से बर्ताव किया गया। उनकी यह गतिविधि पूर्ण रूप से सिविल सेवा आचरण नियमों एवं निर्वाचन ड्यूटी के प्रति लापरवाही को दर्शित करता है। चूंकि सी विजिल में प्राप्त शिकायतों की जाँच निर्धारित समय-सीमा में किया जाना होता है एवं ऐसी शिकायते निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण के दृष्टिकोण से अत्यधिक संवेदनशील है । यह जानकारी होने के बावजूद उड़नदस्ता दल के सदस्य शर्मा द्वारा लापरवाही बरतना पाया गया है। उनका उक्त कृत्य लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 134 एवं छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील आचरण) नियम, 1965 के नियम 1,2,3 का स्पष्ट उल्लंघन है।
उन्हें उक्त कृत्य के लिए उनके विरूध्द क्यों न अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावें, इस संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उक्त संबंध में 22 अप्रैल तक कलेक्टर के समक्ष उपस्थित होकर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए गए है। संतोषजनक स्पष्टीकरण प्राप्त न होने की स्थिति में गुण व दोष के आधार पर एकपक्षीय कार्यवाही करते हुए अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने हेतु आयोग को प्रस्ताव प्रेषित किया जाएगा।