ACB-EOW की लिस्ट में कई आबकारी अधिकारियों और शराब कारोबारियों के नाम…

छत्तीसगढ़ रायपुर

रायपुर । राज्य के बहुचर्चित करोड़ों के शराब घोटाले में कार्रवाई तेज करते हुए एसीबी-ईओडब्लू अगले एक हफ्ते में प्रदेश के कई बड़े शराब कारोबारियों, इसके ट्रांसपोर्टेशन, सुरक्षा से लेकर संबंधित कार्य में लगे लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की तैयारी में हैं। करीब 21 सौ करोड़ रुपए के घोटाले के लेकर जो एफआईआर हुई है, उसमें आबकारी अफसरों के अलावा तीन दर्जन से ज्यादा नाम हैं, जो शराब के कारोबार से किसी न किसी तरह जुड़े हैं, या फिर पिछली सरकार में राजनैतिक तौर पर प्रभावशाली थे। ईडी के डिप्टी डायरेक्टर की ओर से जनवरी में एसीबी-ईओडब्लू में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी, जिसमे राज्य की बड़ी डिस्टिलरियों छत्तीसगढ़, वेलकम और केड़िया के साथ-साथ कारोबार से जुड़े लगभग सभी बड़े लोगों के नाम हैं। एसीबी-ईओडब्लू से संकेत मिले हैं कि अब इन सभी को  एक-एक कर बुलाया जाने वाला है।

एसीबी में दर्ज एफआईआर में अनवर ढेबर के भाई अख्तर ढेबर, सफायर इस्पात के मालिक उमैर ढेबर और जुनैद ढेबर तथा पूर्व सीएम के करीबी माने जाने वाले विजय भाटिया का नाम है। अरविंद सिंह गिरफ्तार किया जा चुका है। इनके अलावा अशीष सौरभ केडिया, छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज, भाटिया वाइंस एंड मर्चेंट्स, वेलकम डिस्टलरीज, अनुराग द्विवेदी, अमित सिंह, नवनीत गुप्ता, पिंकी सिंह, विकास अग्रवाल सुबू, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, नितेश पुरोहित, अभिषेक सिंह, यश पुरोहित, मनीष मिश्रा, संजय कुमार मिश्रा, अतुल कुमार सिंह, मुकेश मनचंदा,  विजय भाटिया, , सिद्धार्थ सिंघानिया,  बच्चाराज लोहिया, मेसर्स अलर्ट कमांडो, प्राइम वन वर्क फोर्स, अमित मित्तल, उदय राव, लक्ष्मीनारायण बंसल, विधु गुप्ता, दीपक दुआरी, दिपेन चावड़ा, प्राइम डेवलपर्स, ए ढेबर बिल्डकान, एजेएस एग्रोटेक, जगदम्बा इंटरप्राइजेस एवं अशोक सिंह, सुमीत मलो, रवि बजाज और विकास अग्रवाल के साथियों के नाम हैं। एफआईआर में इन सभी की शराब घोटाले में भूमिका का उल्लेख किया गया है।

दो आबकारी अफसरों को बुलाया था, पूछताछ कर छोड़ा
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एसीबी-ईओडब्लू ने अनवर को हिरासत में लेने के बाद देर शाम आबकारी विभाग के दो अफसरों को भी बुलवा लिया था। इन्हें पूछताछ कर देर रात छोड़ दिया गया है। शराब घोटाले की एफआईआर में जो 70 नाम हैं, उनमें तकरीबन 48 तो आबकारी विभाग के अफसर हैं। पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड को भी ईडी ने आरोपियों की सूची में रखा है। पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा को हाल में हाईकोर्ट से इसी मामले में गिरफ्तारी या दंडात्मक कार्रवाई से राहत दी गई है।