सिद्ध चक्र विधान के प्रत्येक मंत्र में अनंत शक्तियां छुपी होती है : ब्रमचारी विजय

छत्तीसगढ़ रायपुर

रायपुर । अष्टानिका पर्व के तीसरे दिन मंगलवार को आदिनाथ दिगंबर जैन बड़ा मंदिर मालवीय रोड में चल रहे 8 दिवसीय सिद्ध चक्र महामंडल विधान विश्वशांति महायज्ञ में श्रद्धालुओं ने प्रथम तीर्थंकर आदिनाथ भगवान की पूजा की। बड़े मंदिर के अध्यक्ष संजय जैन नायक ने बताया की आदिनाथ भगवान की प्रतिमा का गर्म प्रासुक जल द्वारा स्वर्ण कलशों से अभिषेक किया। रिद्धि सिद्धि प्रदाता शांतिधारा का सौभाग्य विजय जैन,सुरेश मोदी ,कीर्ति जैन ,प्रवीण जैन कबीर नगर,कुमुद अनुराग जैन को प्राप्त हुआ। धार्मिक अनुष्ठान विधानाचार्य ब्रह्मचारी विजय गुणायतन के निर्देशन में इंद्रगणों द्वारा मंडल में उपस्थित होकर किया साथ ही संगीतकार म्यूजिकल ग्रुप के मधुर भजनों को विशेष रूप से सराहा गया। इंद्र-इंद्राणियों ने धार्मिक भजनों पर भाव विभोर होकर नृत्य किया।

विधान के तीसरे दिन नित्य नियम पूजन में देव शास्त्र गुरु पूजन नंदीश्वरनदीप पूजन कर भगवान की आरती की गई। विधानाचार्य ब्रह्मचारी विजय भईया द्वारा विधि विधान से सिद्ध चक्र महामंडल विधान की पूजन कराई गई। सौधर्म इंद्र इंद्राणी प्रमुख पात्रों द्वारा महामंडल पर 64 अर्ध समर्पित किए गए। ब्रह्मचारी विजय भईया ने आज अपने वक्तव्य में बताया की सीधचक्र महामंडल विधान विश्वशांति महायज्ञ के मंत्रों में अनंत चमत्कारिक शक्तियां छुपी होती है। मैनासुंदरी द्वारा अपने पति श्रीपाल के साथ 700 लोगो के असाध्य रोगों का निवारण इसी सिद्ध चक्र महामंडल विधान अनुष्ठान कर किया था। उन्होंने ये भी बताया की वर्तमान में छत्तीसगढ़ की पावन धरा डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरी तीर्थ स्थल पर आचार्य विद्यासागर महाराज की उत्कृष्ठ सालेखना समाधि हुई है और उसके पूर्व तिल्दा में भव्य जिनालय का पंचकल्याणक करने के बाद आचार्य सड़क मार्ग से सीधे रायपुर के मालवीय रोड स्थित आदिनाथ दिगम्बर जैन बड़ा मंदिर में 2 दिन प्रवास कर नवीन जिनालय हेतु मंगल आशीर्वाद आप सभी रायपुर के दिगम्बर जैन समाज के लोगो को दिया जो की परम सौभाग्य की बात है। आप सभी समाज के धर्म प्रेमी बंधु एवं समाज के सदस्य नवीन जिनालय जिसकी नीव एवं मंगल आशीर्वाद आचार्य विद्यासागर महाराज से आप सभी को प्राप्त हुआ है उसे शीघ्र अति शीघ्र पूरा करना आप सभी का परम कर्त्तव्य है।