कवर्धा । अयोध्या में राममंदिर उद्घाटन के पूर्व रात्रि 21 जनवरी को जिला मुख्यालय से लगे लालपुर मार्ग में साधराम यादव हत्याकांड के आरोपियों पर आतंकवादी घटनाओं से सम्बंधित UAPA की धाराएं जोड़ी गई है। हांलाकि मामले को लेकर अभी तक एसपी ने प्रेस कांफ्रेंस लेकर कोई खुलासा नही किया है वाट्सप ग्रुप में UAPA की धाराएं जोड़े जाने की सूचना जरूर दी गई है किंतु विस्तृत जानकारी अप्राप्त है। आतंकवादी सम्बन्ध सामने आने के बाद मामले को NIA को सौंपे जाने की चर्चा ।
मिली जानकारीनुसार साधराम हत्यकांड क मुख्य आरोपी अय्याज अयाज खान के मोबाइल और लेपटॉप में ऐसे कई अहम सबूत मिले हैं जो आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने की ओर इशारा करते हैं। आरोपी की ट्रेवल हिस्ट्री खंगालने से आरोपी के लगातार कश्मीर आने जाने और वहां संदिग्ध लोगों से मेल मुलाकात की सूचना निकल कर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि मुख्य आरोपी का उठना-बैठना ऐसे लोगों के साथ था जो आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े हुए थे।
डीएसपी के नेतृत्व में जम्मू कश्मीर गई टीम की जांच, मोबाइल और लैपटॉप की जांच से आतंकी संलिप्तता के संकेत मिलने के बाद पुलिस ने अब आरोपियों के विरुद्ध UAPA के तहत मामला दर्ज कर लिया है। यह प्रदेश का पहला मामला होगा जिसमें UAPA एक्ट के तहत कार्रवाई हुई है।
राम मंदिर उद्घाटन के ठीक पहले ISI पैटर्न में कई गई साधराम की हत्या का उद्देश्य हिंदू समुदाय को आतंकित करना बताया जा रहा है। ये सभी लोग रेडिकल थे और इनका उदेश्य भय कायम करना था। अब इन सभी आरोपियों के खिलाफ आतंकवादी मामले में संलिप्तता के चलते एक और मामला दर्ज किया गया है। प्रदेश में इस तरह का यह पहला मामला है। वहीं UAPA लगने के बाद एक बार फिर साधराम हत्याकांड का मामला तुल पकड़ते हुए नजर आ रहा। पुलिसिया लापरवाही को लेकर भी लोग उंगलियां उठा रहे है। पुलिस विभाग द्वारा अब तक प्रेस कांफ्रेंस नहीं किया जाना समझ से परे है। हांलाकि जानकार सूत्र बताते है कि आतंकवादी सम्बन्ध सामने आने के बाद मामले को NIA को सौंपा जा सकता है। जिसके बाद गिरफ्तारियों का दायरा और बढ़ सकता है।
यंहा बताना लाजमी होगा कि विश्व हिंदुपरिषद के सदस्य लगातार जिले के संदिग्ध युवाओं की गतिविधियों को लेकर आवाज उठाते रहे है। आज भी ISI पैटर्न में हुई हत्या के बावजूद कांग्रेस का जिमेदार विपक्ष के नाते खामोश रहना भी चर्चा का विषय बना हुआ है। अब तक मामले को लेकर विश्वहिंदू परिषद और अन्य हिदू वादी संगठन व सामजिक संगठन आवाज बुलंद किये हुए है, बाकी राजनैतिक दलों के जिम्मेदार चुप बैठे है। चरवाहा समाज द्वारा 22 फरवरी को आंदोलन की चेतावनी दी गई है इस दिन गाय चराई और दूध वितरण का कार्य बन्द रखा जाएगा।