कलेक्टर की अध्यक्षता में अरपा नदी के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए विचार विमर्श

छत्तीसगढ़ बिलासपुर

अरपा रिवाईवल प्लान समिति की बैठक

बिलासपुर I
जिले की जीवन रेखा अरपा नदी में बारहों महीने पानी का बहाव रहे एवं इसके संरक्षण के लिए आज कलेक्टर अवनीश शरण की अध्यक्षता में अरपा रिवाईवल समिति की बैठक जिला कार्यालय के मंथन सभा कक्ष में आयोजित की गयी। माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा न्यायालय में प्रचलित पब्लिक इंटेरेस्ट लिटिगेशन के तहत अरपा रिवाईवल प्लान हेतु विशेषज्ञों की एक टीम गठित की गयी है। बैठक में अरपा नदी के उदगम, पानी का बहाव बना रहे एवं अतिक्रमण जैसे मुददोें पर विस्तार से चर्चा की गयी।
बैठक में बताया गया कि अरपा के संरक्षण के लिए विभागों द्वारा बहुत सारे काम किए गए हैं लेकिन उन कामों की समेकित जानकारी उपलब्ध नही है। समिति में शामिल विभागों के अधिकारियों की एडीएम की अध्यक्षता में टास्क फोर्स कमिटी गठित की गयी है। रिवाईवल समिति ने निर्णय लिया कि टास्क फोर्स कमिटी अगले हफ्ते बैठक कर विभागों द्वारा किए गए कार्यो की समेकित जानकारी प्रस्तुत करेगी। समिति के सदस्यों ने अरपा नदी के भौगोलिक सर्वे, अरपा नदी के उदगम क्षेत्र एवं जलग्रहण क्षेत्र के चिन्हांकन, खनिज गतिविधियों, अतिक्रमण, अरपा नदी में सीवरेज जल प्रवाह की रोकथाम के संबंध में और अरपा रिवाईवल हेतु किए जाने वाले कार्यो एवं गतिविधियों जैसे महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा की गयी। बैठक में बताया गया कि अरपा नदी का कुल जलग्रहण क्षे़त्र 3634.56 वर्ग किमी है। अरपा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के 77 गांव, मुंगेली जिले के 03 गांव, बिलासपुर जिले के 415 गांव और कोरबा जिले के 130 गांव आते हैं। इस प्रकार चार जिलो के 625 गांव अरपा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में आते हैं। जल संसाधन विभाग द्वारा बताया गया कि अरपा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में 20 सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण किया गया। इससे अरपा नदी में 26.59 मि.घ.मी. जल संवर्धन हुआ। अरपा नदी को जीवंत रखने के लिए चार योजनाएं निर्माणाधीन हैं। इन योजनाओं की प्रस्तावित जल भराव क्षमता 25.16 मि.घ.मी. है और रूपांकित सिंचाई क्षमता 25 हजार हेक्टेयर है। इसी प्रकार अरपा की सहायक नदियों और नालों में 20 योजनाएं निर्माणाधीन हैं।
बैठक में नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार, डीएफओ संजय यादव, एडीएम आर. ए. कुरूवंशी, समिति में शामिल विभागीय अधिकारी, माननीय उच्च न्यायालय से गठित एमिकस क्यूरी की ओर से राज्य जैव विविधता समिति के सदस्य नीरज तिवारी, भूगोल शास्त्र के विभागाध्यक्ष डाॅ. पीएल चन्द्राकर, उच्च न्यायालय के अधिवक्ता न्यायमित्र आशुतोष सिंह कछवाहा, उच्च न्यायालय के अधिवक्ता यू.एन.एस. देव, पीटीशनर अरविन्द कुमार शुक्ला एवं श्रवण कुमार चंदेल मौजूद थे।