दुर्ग । सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी के चेयरमेन माननीय न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे ने बीआईटी कॉलेज में आयोजित राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा यातायात जागरूकता परिचर्चा कार्यक्रम में स्कूल एवं महाविद्यालयीन विद्यार्थियों से परिचर्चा की। राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा कार्यक्रम परिवहन विभाग और यातायात विभाग द्वारा आयोजित किया गया। इस मौके पर उपस्थित स्कूली बच्चों, महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं एवं प्राध्यापकां को वीडियो के माध्यम से बताया गया कि हेलमेट और सीट बेल्ट पहनने से दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है। न्यायमूर्ति श्री अभय मनोहर सप्रे ने सड़क सुरक्षा एवं सुगम यातायात जागरूकता कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप बीमारी से बच सकते हैं, लेकिन सड़क दुर्घटना से नही बच सकते हैं। देश में एक्सीडेंट से मौत की संख्या बढ़ी है, जिसे हम सब को मिलकर कम करना है। बीमारी बता के आती है, लेकिन एक्सीडेंट बता के नही आती है। एक्सीडेंट से 100 में से 50 प्रतिशत मौते बच्चों एवं युवाओं की हो रही है। सड़क दुर्घटना तेज रफ्तार से वाहन चलाने और नशीले पदार्थ का सेवन कर वाहन चलाने से होती है। इसे विशेष ध्यान देने की जरूरत है। गाड़ी चलाते समय अपने और दूसरों के परिवार के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट और चार पहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट अवश्य लगाना चाहिए, जिससे सड़क दुर्घटना से होनी वाली मृत्यु से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा की स्कूली बसों, यात्री वाहन, व्यावसायिक वाहनों के मालिक, वाहन चालक व परिचालको से परिचर्चा की गई। चर्चा के दौरान धीमी गति से वाहन चलाने और यातायात नियमों का पालन करने को कहा। इसके साथ साथ सड़क दुर्घटना होने पर नजदीकी हॉस्पिटल में उपचार हेतु पहुंचने व थाने में सूचित करने को कहा। स्कूली वाहनों के चालक एवं परिचालक को संवेदनशील होकर सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना से बचने के लिए यातायात नियमों, सड़क दुर्घटना से बचने के उपायो को अपने मित्रों, रिश्तेदारों, परिवार, पड़ोसियों को बतायें और फिर उन्हें किसी अन्य लोगों को इस संबंध में जागरूक करने की बात कही। धीरे-धीरे सभी लोगों तक यातायात नियमों और सड़क दुर्घटना के बचाव के संबंध में जागरूक होंगे, जिससे सड़क दुर्घटना से होनी वाली मृत्यु में कमी आ सकेगी। उन्होंने कहा कि हमें हेलमेट पहनने को अपने जीवन का अभिन्न अंग बना लेना चाहिए। किसी परिवार का कोई सदस्य सड़क दुर्घटना से मृत्यु हो जाती है तो उसका पूरा परिवार का बहुत बड़ा नुकसान हो जाता है। जान है तो जहान है। आज सड़क दुर्घटनाओं से होने वाले मृत्यु में नवयुवकों की संख्या ज्यादा है इसका कारण है तेज वाहन, सिगनल नही देखना, शराब पीकर ड्राईविंग करना, मोबाइल पर बात करते हुए गाड़ी चलना इत्यादि। उन्होंने कहा कि वाहन धीरे चलाना चाहिए और हेलमेट एवं सीट बेल्ट का उपयोग अवश्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यहां से शपथ लेकर जाएं कि यातायात नियमों का पालन एवं हेलमेट एवं सीट बेल्ट का उपयोग अवश्य करेंगे। साथ ही घर में सभी सदस्यों और आस-पास के लोगों को इसके संबंध में जागरूक करेंगे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने बताया कि जिले में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह 15 जनवरी से 14 फरवरी 2024 तक मनाया जाएगा। जिसके तहत स्कूलों और महाविद्यालयों में विविध कार्यक्रम कर जनसामान्य को जागरूक किया जा रहा है, जिससे बच्चे अपने घर में जाकर माता-पिता, भाई, बहन सहित परिवार के सभी सदस्यों को इसके संबंध में जानकारी दे सकें, जिससे वे सड़क दुर्घटना से बच सकें। सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम संवेदनशील और जागरूक होने की आवश्यकता है। रोड पर यात्रा करते हैं तो थोड़ी से लापरवाही जानलेवा हो सकता है। जिला प्रशासन द्वारा यातायात नियमों का कड़ाई से पालन कराने सहित सड़क दुर्घटनाओं को रोकने प्रभावी उपाय किए जा रहे हैं। यातायात नियमों की पूरी जानकारी नही होने के कारण लोग जहां तहां कही से भी टर्न हो जाते है जिसके कारण दुर्घटनाएं बढ़ रही है।
आईजी रामगोपाल गर्ग ने कहा कि राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह का आयोजन सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने एवं सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों में जागरूकता लाने लिए शुरू किया जा रहा है। 2016 में सुप्रीम कोर्ट कमेटी फॉर रोड सेफ्टी गठन किया गया। हमारा उद्देश्य है कि सड़क सुरक्षा नियमों का पालन कराना और उससे बचने के उपाय बताना। प्रकाश व्यवस्था, संकेतक, रोड मार्किंग व गति नियंत्रक बोर्ड लगाने से एक्सीडेंट में कमी आई है। उन्होंने कहा कि 60 प्रतिशत से अधिक सड़क दुर्घटनाएं दूसरों की गलती से होती जिसके लिए हमें हेलमेट पहनना और सीट बेल्ट लगाना आवश्यक है। जिससे हमारा जीवन सुरक्षित रह सके। हमारा प्रयास रहेगा कि जिले में शत प्रतिशत लोगों को हेलमेट पहनने के लिए जागरूक कर सके। उन्होंने माता-पिता, भाई-बहनों, मित्रों को प्रेरित करने को कहा कि वे नशे में गाड़ी ना चलाए, सीट बेल्ट पहने व यातायात नियमों का पालन करें। गुड सेमेरिटन (नेक व्यक्ति) ऐसे व्यक्ति जो सड़क दुर्घटना के समय घायल व्यक्ति को अपने वाहन से हॉस्पिटल पहुंचाया हो या नॉन मेडिकल मदद किया हो। ऐसे व्यक्ति को गुड सेमेरिटन (नेक व्यक्ति) कहा जाता है। इस दौरान गुड सेमेरिटन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने के लिए न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे ने सुभद्रा देवी एवं अश्वनी टंडन को पुरस्कृत किया।