MP Board 10th Exam: हिंदी की परीक्षा देने के बाद विद्यार्थी बोले- प्रश्न पत्र अच्छा था, इसलिए पूरा हल किया

मध्यप्रदेश

बालाघाट। मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा सोमवार से कक्षा दसवीं की वार्षिक परीक्षा सुबह नौ बजे से लेकर 12 बजे तक आयोजित की। वार्षिक परीक्षा के प्रथम दिन छात्र-छात्राओं ने हिंदी विषय का प्रश्न पत्र हल किया। प्रश्न पत्र हल करने के बाद परीक्षा कक्ष से बाहर निकलने पर इस विद्यार्थियों के चेहरे पर अच्छे तरीके से प्रश्न पत्र हल करने की खुशी साफ तौर दिखाई दी। यहां विद्यार्थी प्रश्न पत्र बनाने वाले शिक्षक को धन्यवाद भी देते नजर आए। स्थानीय परीक्षा केंद्र से प्रश्न पत्र को हल कर बाहर निकली छात्रा तन्वी लिल्हारे, छात्र सत्यम निसारे समेत अन्य ने बताया कि प्रश्न पत्र अच्छा आया और थोड़ा हार्ड भी था लेकिन उन्होंने अच्छी तरह से पढ़ाई कर परीक्षा की तैयारी की है।

जिसका ही ये नतीजा रहा है प्रश्न पत्र को हल करने में कोई परेशानी नहीं गई है और उन्हें पूरी उम्मीद के वे हिंदी विषय की परीक्षा में अधिक से अधिक अंक लाएंगे। हालांकि इस दौरान कुछ छात्र-छात्राएं इस बात नाराजगी जताते नजर आए कि प्रश्न पत्र के प्रश्न घुमा-फिरा कर दिए गए थे जिससे उन्हें कुछ कठिनाईयों का सामना भी करना पड़ा है।

नकल रोकने सख्त दिखा स्टाफ

सोमवार को परीक्षा केंद्रों में विद्यार्थियों के पहुंचने पर उन्हें परीक्षा केंद्र में नकल ले जाने से रोकने के लिए स्टाफ सख्त रवैये के साथ तैनात रहा। यहां पहले तो सभी विद्यार्थियों को ग्राउंड पर लाइन लगाकर खड़ा करवाया गया और नियमित रुप से होने वाले राष्ट्रगान का आयोजन किया गया। जिसके बाद विद्यार्थियों की तलाशी ली गई और उनके पास सिर्फ परीक्षा केंद्र लेकर जाने वाली सामग्री को छोड़कर बाकि सामग्री रखवा ली गई।

जिसके बाद कक्ष के अंदर प्रवेश करने से पहले मोबाइल फोन, कैलकुलेटर, डिजीटल वाच, किसी भी प्रकार की इलेक्ट्रानिक डिवाइस, पर्स, कार्ड बोर्ड, हार्ड बोर्ड,स्कूल बैग, काफी किताब, मास्क, स्कार्फ ब्लेजर समेत अन्य सामग्री की तलाशी लेने के बाद उनके जूते बाहर उतरवाकर ही अंदर प्रवेश दिया गया है।

21 हजार 752 ने दी परीक्षा, 481 रहे अनुपस्थित

जिला शिक्षा अधिकारी ने परीक्षा के संबंध में दी जानकारी के अनुसार पांच 5 फरवरी को कक्षा दसवीं का हिंदी विषय का प्रश्न पत्र जिले के 133 परीक्षा केंद्र पर परीक्षा आयोजित की गई। जिसमें 22233 परीक्षार्थी दर्ज 481 अनुपस्थित तथा 21752 परीक्षार्थी उपास्थित रहे। उन्होंने बताया कि जिले में कोई भी नकल प्रकरण नहीं बना हैं।

नकल प्रकरण बनने पर होगी बड़ी कार्रवाई

परीक्षा को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी अश्विनी उपाध्याय ने बताया कि मध्य प्रदेश मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम 1937 में वर्ष 1984 एवं 1988 में किए गए संशोधनों के फलस्वरुप अब नकल समेत अन्य कार्य दंडनीय अपराध घोषित किए गए है।

जिसमें किसी प्रकार से किसी भी स्तर पर अनाधिकृत रुप से परीक्षा प्रश्न पत्र की गोपनीयता भंग करने अथवा ऐसी किसी भी कार्यवाही में किसी प्रकार का कोई सहयोग देने, परीक्षा केंद्र के समीप बेमतलब घूमना अथवा किसी प्रकार से परीक्षा संचालन में व्यवधान अथना गतिरोध उत्पन्न करने, परीक्षा संचालन के लिए अधिकृत किसी भी व्यक्ति से किसी भी प्रकार कोई दुर्व्यवहार करने या धमकी देने या किसी प्रकार की क्षतिकारित करने।

परीक्षा में किसी प्रकार को कोई भी अनुचित साधन अपनाने, उपरोक्त किसी भी कृत्य का दोषी सिद्ध होने पर संबंधित को 3 वर्ष तक के किसी भी प्रकार के कारावास या पांच हजार के अर्थदंड या फिर दोनों ही दंडों की सजा दी जाएगी। साथ ही ऐसा करने वाले को राज्य शासन के अधीन किसी प्रकार के नियोजन अथवा सेवा पाने से वंचित रखा जाएगा।