छात्र-छात्राओं ने कलेक्टर के समक्ष रखी अपनी बात, कलेक्टर ने गंभीरता से सुनकर तत्काल की कार्यवाही

अंबिकापुर छत्तीसगढ़

अंबिकापुर । एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय पेटला के छात्र-छात्राओं ने शनिवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में पहुंचकर कलेक्टर विलास भोस्कर के समक्ष अपनी समस्याएं एवं मांगें रखी। जिसपर कलेक्टर ने त्वरित एक्शन लेते हुए कार्यवाही की है। बड़ी संख्या में बच्चों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर हॉस्टल में असुविधाओं पर अपनी बात रखी। कलेक्टर भोस्कर ने इस दौरान सभी बच्चों की एक-एक करके गंभीरता और संवेदनशीलता से बात सुनी। 

बता दें कि सीतापुर के पेटला में एकलव्य आवसीय विद्यालय भवन निर्माणाधीन है। वर्तमान में सत्र घंघरी छात्रावास भवन में संचालित हैं। कलेक्टर ने बताया कि नवीन भवन लगभग पूरी तरह तैयार है, जून में एकलव्य आवासीय विद्यालय को नए भवन में शिफ्ट कर लिया जाएगा। जिससे बच्चों की समस्याएं दूर होंगी।

बच्चों ने हॉस्टल में मेनू चार्ट के अनुरूप भोजन दिए जाने, पेयजल की व्यवस्था, खेल और दैनिक इस्तेमाल की सामग्री नियमित रूप से समय पर उपलब्ध कराये जाने की आवश्यकता की भी मांग रखी। इसके साथ ही स्कूल प्राचार्य एवं अधीक्षिका के व्यवहार पर बच्चों द्वारा शिकायत पर कलेक्टर ने कहा कि अनुशासन बेहद जरूरी है, पर बच्चों के साथ संवेदना बनाये रखते हुए बात एवं व्यवहार किया जाना चाहिए। इस संबंध में दायित्व निर्वहन में लापरवाही पर प्राचार्य मनोज वर्मा और छात्रावास अधीक्षिका अनुप्रिया दुबे को उनके पदों से हटा दिया गया है।

कलेक्टर ने कहा कि परिजनों से बात करने के लिए बच्चों की सुविधा हेतु मोबाइल फोन की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए। उन्होंने बच्चों को आश्वस्त किया कि एक-एक करके सभी समस्याओं को निश्चित रूप से निराकृत कर दिया जाएगा। इस दौरान घंघरी क्षेत्र में फ्लोराइड युक्त पानी की समस्या भी कलेक्टर के संज्ञान में आई जिसपर कलेक्टर ने फिल्टर प्लांट लगाए जाने पर चर्चा की और आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए।

बच्चों की समस्याओं के निराकरण के बाद कलेक्टर ने सीधे बच्चों से बात करते हुए उन्होंने अपने स्कूल के दिनों के अनुभव बच्चों के साथ साझा किए। उन्होंने कहा कि स्कूल और शिक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि जीवन में विभिन्न परिस्थितियां आती है, अपनी पढ़ाई को अपना लक्ष्य बनाकर उसपर फोकस करें। उन्होंने बच्चों से अनुशासित रहने और अच्छे से पढ़ाई करने कहा। बच्चों ने भी संतुष्ट होकर बस से वापसी की।

इस मौके पर कलेक्टर भोस्कर ने सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग और जिला शिक्षा अधिकारी को भी निर्देश दिए कि हर सप्ताह अलग-अलग स्कूल, आश्रम और छात्रावासों का निरीक्षण करें और बच्चों से बात करके उनका फीडबैक लें।