सूरजपूर। जिले के आकांक्षी ब्लॉक प्रतापपुर अपने छठवें सूचकांक टीबी मुक्त जनपद के ओर अग्रसर हो रहा है। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत मुख्य कार्यपालन अधिकारी पारस पैकरा के अध्यक्षता में ग्रामपंचायत सचिवों की बैठक जनपद सभागार में सम्पन्न हुई। जिसमें ग्रामपंचायत सचिवों के अलावा रोजगार सहायक और सोसायटी संचालक भी सहभागी रहे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ आर एस सिंह सूरजपुर एवं खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ विजय सिंह के दिशा निर्देशन में विकास खण्ड को टीबी मुक्त बनाने का कार्य चल रहा है।
ज्ञात हो कि भारतवर्ष को टीबी मुक्त राष्ट्र बनाने का लक्ष्य 2025 का लक्ष्य रखा गया है। जिसके तहत निर्धारित मापदंडों के आधार पर प्रतापपुर के 35 पंचायतें टीबी मुक्त पंचायत की पात्रता रखती है। एक हजार की जनसंख्या पर तीस लोगों का बलगम जांच और उक्त पंचायत में एक हजार की जनसंख्या में एक या एक भी टीबी रोगी न हो। ऐसे पंचायतों को चिन्हित कर टीबी मुक्त पंचायत की घोषणा करने की पहल की प्रक्रिया शुरू हुई है। टीबी मुक्त पंचायत की सूची निर्माण कर जिला को प्रेषित किया गया। जिसका अवलोकन और मुल्यांकन जिला और प्रदेश की टीम करेगी। अवलोकन के दौरान सभी चयनित पंचायतों में टीम भ्रमण कर ग्रामपंचायत के जनप्रतिनिधियों और सम्बंधित लोगों से बातें कर विभागीय दस्तावेजों का निरीक्षण करेगी। निरीक्षण के दौरान सही पाये जाने वाले पंचायतों की सूची जिला कलेक्टर को प्रेषित किया जायेगा। उक्त जानकारी सतीश श्रीवास्तव खण्ड कार्यक्रम प्रबंधक प्रतापपुर ने बैठक में दी।
इस अवसर मुख्य कार्यपालन अधिकारी पारस पैकरा ने कहा की प्रतापपुर जनपद को विकसित जनपद बनाने के लिए स्वास्थ्य के सभी सूचकांकों को पुरा करना होगा। जिसमें छठवां सूचकांक टीबी मुक्त पंचायत है । विभाग द्वारा टीबी मुक्त पंचायत की प्रस्तुत सूची का सत्यापन सभी ग्रामपंचायतें अपने स्तर पर कर ले । टीबी के लक्षण, उपचार और शासन की सेवाओं की जानकारी सभी ग्रामवासियों को होनी चाहिए। स्वास्थ्य विभाग के सहयोगी संस्था पिरामल फाऊंडेशन छत्तीसगढ़ आपके पंचायतों में सम्पर्क कर आपको सहयोग कर रही है। इनके द्वारा दिये गये सुझावों पर भी सभी लोग अमल करें। यदि कहीं कोई कभी दिखे तो समय रहते उसे पूर्ण करें। सूची में सामिल पंचायतों के अलावा अगले वर्ष तक सभी पंचायतों को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखिये। इसे आप सिर्फ स्वास्थ्य विभाग का कार्य न माने। यह सबका दायित्व और कार्य है। बैठक में पिरामल स्वास्थ्य के जिला कार्यक्रम समन्वयक राज नारायण द्विवेदी स्वास्थ्य विभाग के टीबी के प्रभारी एसटीएस रामविलास सिंह भी सहभागी रहे । कार्यक्रम का संचालन करते हुए पंचायत इंस्पेक्टर राधेलाल पैकरा ने कहा कि टीबी मुक्त पंचायत बनाने से समाज को बहुत बड़ा लाभ होगा। यह बिमारी संक्रमण से फैलती है। एक टीबी पेसेंट के खांसने छींकने से उसकी वैक्ट्रिया हवा में फैल जाती है जिससे कई लोग संक्रमित हो जातें हैं। स्वास्थ्य विभाग की यह एक बहुत बड़ी सफलता है कि हमारे जनपद के 101 पंचायतों में से 35 ग्रामपंचायतों को टीबी मुक्त बनाने की पहल की जा रही है। अगले वर्ष तक हम सब मिलकर स्वास्थ्य विभाग को सहयोग करेंगे और पुरे जनपद को टीबी मुक्त बनायेंगे। ब्लॉक टीकाकरण नोडल अधिकारी राजेश वर्मा के द्वारा एक विशेष कार्ययोजना बनाकर प्रवेक्षकों दिया गया है। मासिक लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसके आधार पर सप्ताहिक समीक्षा भी हो रही है। स्वास्थ्य विभाग के बीईई एच.एन.अंसारी के द्वारा समीक्षा के दौरान टीबी के विभिन्न पहलुओं पर विशेष फोकस किया जाता है।