मामला नौकरी घोटाले का
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पश्चिम बंगाल के नगर निगम भर्ती घोटाला मामले में बड़ी कार्रवाई की है, जिससे राज्य सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। ED ने आज सुबह कोलकाता में अग्निशमन मंत्री सुजीत बोस और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के अन्य 2 नेताओं के परिसरों पर छापा मारा। हाल ही में ED के अधिकारियों पर हुए हमले के बाद जांच एजेंसी की टीम इस बार केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ छापेमारी के लिए पहुंची।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंत्री बोस के परिसरों पर ED की 20 सदस्यीय टीम छापेमारी कर रही है। यह छापेमारी पश्चिम बंगाल की विभिन्न नगर पालिकाओं में भर्ती घोटाले से जुड़ी है। इसके अलावा ED ने सरकारी स्कूलों में भर्ती से संबंधित घोटाले के मामले में TMC प्रवक्ता तापस राम्य और उत्तरी दमदम नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष सुबोध चक्रवाती के आवासों पर भी छापेमारी की। कोलकाता और उसके बाहरी इलाकों में भी तलाशी की जा रही है।
दरअसल, बंगाल सरकार में मंत्री बनने से पहले बोस 2010 से 2021 तक दक्षिण दमदम नगर पालिका के उपाध्यक्ष थे। इसी दौरान 2014 और 2016 के बीच लगभग 250 लोगों को गलत तरीके से नगर निगम में भर्ती करने का आरोप है, जिसकी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और ED जांच कर रही हैं। पिछले साल अगस्त में CBI ने भी बोस को पूछताछ के लिए समन जारी किया था, लेकिन उन्होंने दावा किया कि उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला है।
बता दें कि पिछले साल कोलकाता हाई कोर्ट ने नगरपालिका नियुक्तियों में कथित घोटाले की CBI जांच के आदेश पर रोक लगाने की राज्य सरकार की याचिका खारिज कर दी थी। जांच एजेंसियों ने हाई कोर्ट को बताया था कि नगर निकाय भर्ती घोटाले और पश्चिम बंगाल स्कूल शिक्षा विभाग में नौकरी के लिए रिश्वत घोटाले के बीच संबंध थे। नौकरी के बदले रिश्वत घोटाले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया जा चुका है।
इससे पहले 5 जनवरी के ED की टीम जब राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में संदेशखाली में TMC नेता और जिला परिषद सदस्य शाहजहां शेख के आवास पर तलाशी लेने के लिए पहुंची थी, तब उन पर समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया था। इसके बाद ED के अधिकारियों पर हमले के संबंध में पुलिस ने 3 FIR दर्ज की थीं। ED की टीम पर हमले के बाद से TMC नेता शेख और उनका परिवार फरार है।