दिल्ली। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री परशोत्तम रुपाला ने सागर परिक्रमा यात्रा के 11वें चरण के दौरान ओडिशा के जगतसिंहपुर जिले के पारादीप मत्स्य पालन बंदरगाह में मछुआरों और मछुआरनों की समस्याओं और शिकायतों को समझने के लिए उनसे बातचीत की। कार्यक्रम के दौरान, लाभार्थियों को केसीसी, प्रमाणपत्र/ स्वीकृति आदेश और खारे पानी तालाब सब्सिडी के साथ सम्मानित किया गया। जीएआईएस लाभार्थियों के बीच चेक का भी वितरण किया गया। इसके साथ ही, परशोत्तम रुपाला ने ओडिशा के पारादीप के मछली पकड़ने के बंदरगाह के आधुनिकीकरण एवं उन्नयन की परियोजना का उद्घाटन और आधारशिला रखी।
सागर परिक्रमा यात्रा आगे बढ़ते हुए, ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले के खरिनासी मछली लैंडिंग केंद्र पहुंचा और मछुआरों, मत्स्य किसानों और मछुआरा समुदाय के प्रतिनिधियों की कोशिशों का अवलोकन किया। रुपाला ने मत्स्यपालन क्षेत्र में बढ़ती हुई मांग को पूरा करने में मतस्य किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका और हमारे मछुआरों और मत्स्य किसानों के अमूल्य योगदान को स्वीकार किया, जो हमें भोजन एवं जीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत प्रदान करने के लिए अथक प्रयास करते हैं।
लाभार्थी इन बातों को सुन कर बहुत खुश हुए क्योंकि वे इस यात्रा के महत्व और प्रभाव से लाभान्वित हो सकते हैं और यह उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा। लाभार्थियों ने सक्रिय रूप से एक खुली बातचीत में हिस्सा लिया और बायोफ्लॉक, आरएएस, कोल्ड स्टोरेज के विकास आदि जैसी प्रौद्योगिकियों के बारे में चर्चा की और उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) से भी सम्मानित किया गया। मछुआरों के घर पर बातचीत करने के बाद, उन्होंने मंत्री से विभिन्न चुनौतियों और मुद्दों पर उनसे आग्रह किया। इसके अलावा, श्री रुपाला ने कहा कि मछुआरों के सामने आने वाली चुनौतियों पर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।