महासमुंद । भारत सरकार के जनजाति कार्य मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाभियान (पीएम जनमन) योजना से विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास के नए रास्ते खुलेंगे। अब उनके घर और बस्ती तक अधिकारियों की पहुंच से समस्याओं के समाधान सुलभ होगा। इस योजना के तहत भारत सरकार के लगभग 22 योजनाओं का लाभ मिलना सुनिश्चित होगा। सबको पक्का घर, हर घर में नल, घर तक बिजली, शिक्षा, कौशल विकास, स्वास्थ्य, आजीविका सहित अन्य महत्वाकांक्षी योजनाओं का लाभ इन्हें मिलना सुनिश्चित होगा।
जिले के तीन विकासखण्ड महासमुंद, बागबाहरा और पिथौरा में कमार जनजाति निवासरत है। इनमें महासमुंद के 41 ग्रामों में 461 परिवार जिनकी कुल संख्या 1687 है, निवास करते है। इसी तरह बागबाहरा विकासखंड के 32 गांवो में 390 परिवार निवास करते है, जिनकी संख्या 1385 है। पिथौरा विकासखंड के दो ग्राम पंचायतों में 44 परिवार 168 सदस्यों के साथ निवासरत है। योजना के प्रचार-प्रसार के लिए हिन्दी सहित छत्तीसगढ़ी बोली में दीवार लेखन के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। ऐसे 275 पारा-टोलों में दीवार लेखन किया गया है।
कलेक्टर प्रभात मलिक के निर्देशन एवं जिला पंचायत सीईओ एस. आलोक के मार्गदर्शन में प्रधानमंत्री जनमन योजना द्वारा जिले के चिन्हांकित सभी विशेष पिछड़ी जनजाति समूहों के लोगों को लाभ दिलाने हेतु अभी तक जिले में 26 शिविरों का आयोजन किया गया है। जिला प्रशासन द्वारा कार्ययोजना निर्धारित कर पीव्हीटीजी बसाहटों में शिविर का आयोजन किया जा रहा हैं। इन शिविरों में केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं से वंचित एवं पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है।
शिविर में अब तक विशेष पिछड़ी जनजाति के 2682 हितग्राही शामिल हुए। 26 शिविरों में 301 लोगों का आधार कार्ड, 602 लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाया गया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 72 किसानों का पंजीयन, 15 किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी एवं प्रधानमंत्री जनधन योजना के अंतर्गत 168 लोगों का नया खाता खोला गया। वहीं पीएम मातृ वंदना योजना के अंतर्गत 10 महिलाओं का पंजीयन एवं 304 कमार परिवारों में राशन कार्ड वितरित किया गया।
विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा उपस्थित ग्रामीणों को प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग हेतु किए जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी जा रही है। इसके अंतर्गत ऐसे समुदायों के बसाहटों में विभिन्न विभागों के समन्वय से पेयजल, आवास, सड़क, आंगनबाड़ी के माध्यम से पोषण, आजीविका संवंर्धन हेतु कौशल विकास जैसे महत्वपूर्ण गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जाएगा। शिविर में सेल्फी पॉईंट बनाया गया है, जहां लोग शिविर में अपनी उपस्थिति को यादगार बना रहे हैं। विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों को शिविर तक लाने हेतु महिला कर्मचारियों, स्वसहायता समूह द्वारा सहयोग भी किया जा रहा है एवं शिविर की नियमित मॉनिटरिंग हेतु गठित जिला एवं ब्लॉक स्तरीय नोडल अधिकारियों की टीम द्वारा शिविर का निरीक्षण कर संबंधित विभागों की उपस्थिति सुनिश्चित की जा रही है।