- सुशासन का महत्व विषय पर विद्यार्थियों ने व्यक्त की अपनी प्रतिक्रियाएं, बनाए एक से बढ़कर एक ड्राइंग एवं लिखे प्रेरक स्लोगन
- दीपका कोरबा।
पूरे भारत में 25 दिसम्बर को भारत सरकार द्वारा सुशासन दिवस के रुप मनाने की घोषणा की गयी है। असल में 25 दिसम्बर, हमारे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म दिवस है जो उन्हें हमेशा के लिये आदर और सम्मान देने के लिये सुशासन दिवस के रुप में घोषित किया गया है। भारत सरकार द्वारा यह घोषित किया गया है कि 25 दिसम्बर (सुशासन दिवस) को पूरे दिन काम किया जायेगा।पूर्व प्रधानमंत्री, अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म दिवस 2014 में भारतीय जनता पार्टी के द्वारा हर साल पूरे भारत में सुशासन दिवस के रुप में मनाये जाने की घोषणा की गयी थी। अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन को सुशासन दिवस के रुप में मनाना भारतीय लोगों के लिये बहुत सम्मान की बात है। अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर सुशासन दिवस की पहली घोषणा भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा की गई थी।
इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में सुशासन दिवस के उपलक्ष्य में विद्यार्थियों को जागरूक करने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रम का ऑनलाइन मोड में आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के तहत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपायी के जीवन एवं उपलब्धियों पर विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने प्रकाश डाला। साथ ही विद्यार्थियों को जागरूक करने के उद्देश्य से ‘ सुशासन के फायदे एवं महत्व ‘ विषय पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। माध्यमिक स्तर तक के विद्यार्थियों ने सुशासन थीम पर विभिन्न स्लोगन एवं ड्राइंग की भी प्रस्तुति दी। सुशासन के प्रति गंभीरता एवं रुचि को देखते हुए विद्यार्थियों के फ्यूचर विजन का अंदाजा सहज लगाया जा सकता था। यह तो हम सभी जानते हैं कि प्रत्येक विद्यार्थी देश के भविष्य होते हैं। अतः सुशासन विषय पर उनकी रुचि एवं उनके कार्य को देखकर सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता था कि वह देश के प्रति क्या दृष्टिकोण रखते हैं?
विद्यालय के संगीत शिक्षक श्री राजू कौशिक एवं श्री पवन सर के सौजन्य से बहुत ही सुंदर देशभक्ति गीत की प्रस्तुति दी गई एवं गीतों के माध्यम से सुशासन का देश एवं समाज पर प्रभाव को परिलक्षित किया गया। विद्यालय के सी सी ए प्रभारी एवं हिंदी विभाग अध्यक्ष श्री हेमलाल श्रीवास ने विद्यार्थियों को अटल बिहारी वाजपेई जी की विभिन्न रोचक एवं अनछुए पहलुओं से अवगत कराया जिसे सुनकर सभी विद्यार्थी भाव विभोर हो गए। श्री हेमलाल श्रीवास ने विद्यार्थियों का ज्ञानवर्धन करते हुए बताया कि श्री अटल बिहारी वाजपेई जी न सिर्फ एक अच्छे इंसान थे अपितु एक सुलझे हुए गंभीर ज्ञानी , गुणी कवि भी थे । उनका प्रत्येक शब्द अकाट्य होता था। उनके विरोधी दल के नेता भी उनके किसी बात का विरोध नहीं करते थे ।उनके प्रत्येक शब्दों का हर व्यक्ति सम्मान करता था। वह एक बहुत ही नेक दिल इंसान थे। उन्होंने हमेशा भारत का हित चाहा है। उनका जीवन निस्वार्थ पूर्ण था।
विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने अपने उद्बोधन में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने अटल बिहारी वाजपेयी और मदन मोहन मालवीय की जयंती पर हर साल 25 दिसंबर को सुशासन दिवस मनाने की घोषणा की है। मदन मोहन मालवीय जी ने भी देश के लिए अपना अभूतपूर्व योगदान दिया। इन्हीं दो महान व्यक्तित्व का जन्म दिवस हम सब सुशासन दिवस के रूप में मनाते हैं ।सुशासन अर्थात अच्छा शासन ।जिससे देश की जनता का सिर्फ और सिर्फ हिटी हो ।देश की योजनाओं का लाभ प्रत्येक जनता को मिले। देश का प्रत्येक नागरिक सुखी हो संपन्न हो ।सुशासन की यही सरल परिभाषा है, और इसी का प्रयास इस दिवस को मना कर किया जाता है।सुशासन दिवस देश में एक पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन मुहैया कराने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में लोगों को जागरूक बनाने के लिए मनाया जाता है। सुशासन दिवस को निम्नलिखित उद्देश्यों की पूर्ति के लिए मनाया जाता है।
यह भारत में आम नागरिकों के कल्याण और भलाई को बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
सरकार के कामकाज के मानकीकरण के साथ-साथ यह भारतीय लोगों के लिए एक अत्यधिक प्रभावी और जवाबदेह शासन के लिए मनाया जाता है।
यह भारत में सुशासन के एक मिशन को पूरा करने के लिए अच्छी और प्रभावी नीतियों को लागू करने के लिए मनाया जाता है।
यह सरकारी अधिकारियों को आंतरिक प्रक्रियाओं और उनके काम के लिये प्रतिबद्ध करने के लिये मनाया जाता है।
सुशासन के माध्यम से देश में वृद्धि और विकास को बढ़ाने के लिए।
नागरिकों को सरकार के करीब लाकर सुशासन की प्रक्रिया में उन्हें सक्रिय भागीदार बनाने के लिए।