Tuesday, June 3, 2025

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8 शिक्षक बर्खास्त, फर्जी दस्तावेजों से हुए थे भर्ती

एक बर्खास्त शिक्षक को पुलिस ने किया गिरफ्तार

टीईटी व निवास प्रमाण-पत्र पाए गए फर्जी

मामला दिसंबर 2023 और जनवरी 2024 में जारी किए गए थे 637 सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र

शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के तहत फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी हासिल करने वाले आठ सहायक अध्यापकों को बर्खास्त कर दिया गया है। दूसरी तरफ श्रावस्ती में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भर्ती हुए एक बर्खास्त शिक्षक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मामला उत्तरप्रदेश के गोंडा जिले में 30 दिसंबर 2023 और 7 जनवरी 2024 को 637 सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र जारी किए गए थे। दस्तावेज सत्यापन के दौरान आठ अभ्यर्थियों की डिग्री और निवास प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए। बीएसए अतुल कुमार तिवारी के अनुसार जिन अभ्यर्थियों की नियुक्ति रद्द की गई, उन्हें विभिन्न प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों में तैनात किया गया था।
इनमें संजय कुमार (प्रा. वि. मुंगरौल मुजेहना), भारत रत्न सोनी (प्रा. वि. नरायनपुर साल करनैलगंज), हर्ष सिंह (कंपोजिट वि. बनकटी), अर्जुन सिंह (मुजेहना), रमाकांत श्रीवास्तव (प्रा. वि. कधरा इटियाथोक), अरुण कुमार सागर (कंपोजिट वि. लोहंगपुर डीह परसपुर) शामिल हैं। वहीं संतोष कुमार और अखिलराज आनंद ने नियुक्ति पत्र लेने के बाद कार्यभार ग्रहण ही नहीं किया।

टीईटी सर्टिफिकेट व निवास प्रमाणपत्र पाए गए फर्जी

इन सहायक अध्यापकों के दस्तावेजों का सत्यापन किया गया, जिसमें टीईटी सर्टिफिकेट और निवास प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए। आरोपियों को तीन बार नोटिस भेजे जाने पर भी किसी ने अपना पक्ष नहीं रखा। बीएसए के मुताबिक फर्जी दस्तावेजों में एक ने मऊ, एक ने आजमगढ़ और छह ने आगरा के पते का इस्तेमाल किया था, जो पुलिस सत्यापन में गलत पाए गए। इसके बाद सभी के खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्रवाई की गई है।

श्रावस्ती में 2010 में हुई भर्ती, प्रधानाध्यापक बनने के बाद खुलासा

श्रावस्ती जिले की मल्हीपुर पुलिस ने बृहस्पतिवार को प्राथमिक विद्यालय शाहपुर कला से बर्खास्त फर्जी शिक्षक अरुण कुमार को गिरफ्तार कर लिया। अरुण ने फर्जी टीईटी और जाति प्रमाण पत्र के आधार पर 2010 में सहायक शिक्षक पद पर नौकरी पाई थी और बाद में प्रधानाध्यापक बन गया। अभिलेख सत्यापन में फर्जीवाड़ा उजागर होने पर उसे गत वर्ष 6 दिसंबर को बर्खास्त कर दिया गया था। गत जनवरी माह में खंड शिक्षाधिकारी जमुनहा की ओर से केस दर्ज कराए जाने के बाद से अरुण फरार था। पुलिस ने उसे मधवापुर पुल के पास से गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया।

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