कवर्धा । कलेक्टर जन्मजेय महोबे के निर्देशानुसार महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा ‘‘एक वृक्ष मां के नाम और चार वृक्ष बेटियों के नाम’’ विषय पर 12 जुलाई को गर्भवती माताओं, महतारी वंदन योजना एवं प्रधानमंत्री मातृत्व योजना के हितग्राहियों, अन्य महिलाओं एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा जिले के परियोजना कार्यालयो एवं आंगनबाड़ी केन्द्रो में 5881 फलदार प्रजाति के पौधों का रोपण किया गया।इस कार्यक्रम में विशेष रुप से ग्राम की महिलाओं, महिला स्व सहायता समूह की महिलाओं, महतारी वंदन योजना एवं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की हितग्राहियों, जनप्रतिनिधियों को सम्मिलित कर पौधारोपण से जल संरक्षण, जल का महत्व, साफ और सुरक्षित जल का उपयोग, जल के संरक्षण के सही उपाय, जल संग्रहण की उपयोगी तकनीको की जानकारी, जल स्त्रोतों के आस-पास साफ-सफाई एवं स्वच्छता का महत्व, साफ सुथरा शैाचालय का उपयोग, साथ ही पौधारोपण से जल संरक्षण करने , जल सरंक्षण एवं प्रबंधन हेतु स्वस्थ्य मिट्टी के लिए पौधो एवं वृक्षो की भूमिका के विषय पर जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वृक्षारोपण का मुख्य उद्देश्य हवा की गुणवत्ता में सुधार लाना, जलवायु में सुधार लाना, जल संरक्षण, मिट्टी संरक्षण और वन्य जीवन का समर्थन करना है। कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं को जल सरंक्षण के संबंध में पानी बचाने और उसके संचयन का विवेकपूर्ण उपयोग करने तथा जल संरक्षण को बढ़ावा देने में सहयोग करने और अपने परिवारजनेा, मित्रो, पड़ोसियों और अपने आने वाली पीढ़ियों को इसके समुचित उपयोग और व्यर्थ न बहाने के लिए प्रेरित करने विषय पर शपथ दिलाई गई।कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मातृत्वा वंदना योजना के क्रियान्वयन अंतर्गत् उपस्थित महिलाअेां को योजना के लाभ हेतु पात्रता, अपात्रता तथा योजना का लाभ कैसे प्राप्त किया जा सकता है, के संबंध में जागरुक करते हुए जानकारी दिया गया। इस अवसर पर बच्चों से भी पौधे लगवाए गए तथा उपस्थितं माता-पिता को पौधों का संरक्षण बच्चे की भांति किए जाने का संदेश दिया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जल संरक्षण हेतु ‘‘जल शक्ति से नारी शक्ति’’ विषय पर प्रशंसनीय कार्य किए जाने वाली महिलाओं/महिला समूहों/आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी स्तर/सेक्टर स्तर या ग्राम स्तर पर जल संरक्षण हेतु प्रोत्साहित किया जावेगा। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी, जिला बाल संरक्षण अधिकारी, परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका एवं अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।