किराये के खातों में 5 करोड़ का लेनदेन

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ठगी के गिरोह में सब्जी वाले से बैंक मैनेजर तक शामिल

ग्वालियर।
रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी सुप्रदिप्तानंद को डिजिटल अरेस्ट कर 2.53 करोड़ रुपये ठगने के मामले में उज्जैन के नागदा से पकड़े गए गिरोह का सरगना उदयराज विनाज्ञा है। वह अपने भाई करण विनाज्ञा के साथ मिलकर देशभर के साइबर ठगों के संपर्क में था। उदयराज और उसके गिरोह में सब्जी वाले से लेकर बैंक मैनेजर, कर्मचारी तक शामिल हैं।


इनका काम ठगी की रकम के लिए किराये के खाते उपलब्ध कराना, इन बैंक खातों में से रुपयों को निकालना और ठगी करने वालों तक पहुंचाना है। इसके एवज में इन्हें कमीशन मिलता था। आश्रम के सचिव से ठगी की रकम में से 10 लाख रुपये सब्जी बेचने वाले राहुल कहार के खाते में भेजे गए। इस गिरोह से जुड़े करीब 50 और बैंक खाते हैं। इनमें पांच करोड़ से ज्यादा का लेनदेन है। यह धन देश के अलग-अलग हिस्सों से आया है।
ग्वालियर पुलिस ने सचिव से ठगी के मामले में पकड़े गए सभी आरोपितों को कोर्ट में पेश कर पांच दिन की रिमांड पर लिया है। अब इनसे सरगना उदयराज के बारे में पूछताछ चल रही है, ताकि उस तक पहुंचा जा सके। एक टीम उदयराज की तलाश में भी लगी है।
इस मामले में पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ में सामने आया है कि कमीशन काटने के बाद पूरा धन उदयराज को दे दिया था। उदयराज उस गैंग से जुड़ा है, जिसके कहने पर यह खाते उपलब्ध कराए जाते हैं यानी ठगी जहां से हुई, वह गैंग दूसरी है।
क्रिप्टो ट्रेडिंग की गई
यह गैंग सिर्फ ठगी के रुपयों को किराये के खातों से उन तक पहुंचाने वाली है। उदयराज के संपर्क में वह गैंग है, जो ठगी के रुपयों से क्रिप्टो ट्रेडिंग करती है। इस मामले में भी क्रिप्टो ट्रेडिंग की गई है। एसएसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि सभी आरोपितों को पांच दिन की रिमांड पर लिया गया है। इनके खातों की पड़ताल चल रही है। सरगना की तलाश में टीम लगी है।
जितने भी खातों में ठगी का धन गया है। उस शहर का अलग गिरोह है। ठगी करने वाला गिरोह अलग है और इनका नेटवर्क हर प्रदेश में है। जहां से धन की हेराफेरी कराते हैं। सबसे ज्यादा रकम उप्र के प्रयागराज के इंडसइंड बैंक के खाते में गए थे। यहां की पड़ताल अभी बाकी है। इस पड़ताल में और बड़ा राजफाश होगा।