

कोरबा में डीएमएफ घोटाले पर कार्रवाई
रायगढ़ – कोरबा //
कोरबा में डीएमएफ घोटाले को लेकर एक और कार्रवाई हुई है। रायगढ़ में पूर्व में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर भरोसा राम ठाकुर के अलावा दो जनपद सीईओ को ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार लोगों में पत्थलगांव के जनपद सीईओ वीरेंद्र कुमार राठौर भी हैं। जिला खनिज न्यास की राशि से आम जनता के लिए सुविधाएं बढ़ाने के बजाय अफसरों ने अपनी तिजोरियां भरीं। जारी गाइडलाइन को बायपास कर अपने फायदे की गुंजाइश पैदा की गई। सामग्री क्रय हो या ठेकेदारी, सभी में कमीशन वसूला गया। बिना काम के राशि निकालकर बंदरबांट कर ली गई। कोरबा में सबसे बड़े डीएमएफ घोटाले में ईओडब्ल्यू की कार्रवाई जारी है।
शुक्रवार को डिप्टी कलेक्टर भरोसा राम ठाकुर, पत्थलगांव जनपद पंचायत सीईओ वीरेंद्र कुमार राठौर, बीएस राज और राधेश्याम मिर्धा को गिरफ्तार कर लिया गया है। भरोसा राम ठाकुर पूर्व में रायगढ़ जिले में भी पदस्थ रहे हैं। कोरबा में से डीएमएफ शाखा के प्रभारी थे। उनके कार्यकाल में सबसे ज्यादा कामों को मंजूरी दी गई। बिना शासी परिषद के राशि स्वीकृति दी गई। फर्जी बिलों, निविदा में हेराफेरी और ठेकेदारों से मिलीभगत कर सरकारी धन का गबन किया गया। करीब 90.35 करोड़ रुपए का गबन किया गया। ईडी ने 21.47 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की है।
यह भी कहा जा रहा है कि रायगढ़ से जो राशि जशपुर भेजी गई थी, उसमें भी गड़बड़ी की गई। रिश्वत के रूप में नकद और संपत्तियों का लेन-देन हुआ, जिसे बाद में मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए छिपाया गया। पूर्व में इन अफसरों के ठिकानों पर छापेमारी की गई थी जिसमें बेहिसाब नकदी, आभूषण, और संदिग्ध बैंक लेन-देन का पता चला था।
राशि स्वीकृति के बाद पूरा गबन
इन अधिकारियों ने अवैध कमाई से अचल संपत्तियां और बैंक जमा राशि अर्जित की थी। वीरेंद्र कुमार राठौर जनपद सीईओ पत्थलगांव ने अपने कार्यकाल में फर्जी निविदाओं को मंजूरी देकर अनुचित लाभ अर्जित किया। भरोसा राम ठाकुर ने कार्यों की निगरानी में लापरवाही और फर्जी दस्तावेजों को सत्यापित किया। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जांच शुरू की और दिसंबर 2024 में 16 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है।